
हम सभी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में कभी न कभी तो सुना ही होगा और लोग बातें भी करते हैं कि म्यूचुअल फंड मैं इन्वेस्ट करना चाहिए। लेकिन निवेश का फैसला सभी नहीं ले पाते है। ये भी सच है कि अधिकतर लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। ऐसे लोग निवेश करना तो चाहते हैं, लेकिन डरते हैं कि कहीं पैसा डूब ना जाए? आज हम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आए हैं।
इस पोस्ट में आपकों म्यूचुअल फंड से जुड़ी हर एक छोटी-बड़ी जानकारी मिलेगी जो आप जानना चाहते हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड क्या होता है? म्यूचुअल फंड के प्रकार कितने होते हैं?, म्यूचुअल फंड के फायदे क्या है? म्यूचुअल फंड मैं रिटर्न कितना मिलता है? म्यूचुअल फंड मैं इन्वेस्ट करना चाहिए या नहीं? म्युचुअल फंड में NFO क्या होता है?
और हा दोस्तों इस पोस्ट को पढ़कर आपकों यह जानकारी कैसी लगी वो कमेन्ट करके जरूर बताना है और अपने दोस्तों एवम अपने फैमिली मेम्बर को शेर जरूर करना, तो दोस्तों सबसे पहले जो सवाल हर किसी के मन में आता है कि म्यूचुअल फंड क्या होता है? What is Mutual fund?
Mutual Fund Kya Hota hai? म्यूचुअल फंड क्या होता है?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है। इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है।
अभी यह सब आपकों समझ नहीं आता होगा क्योंकि आपके पास बेसिक नालेज नहीं है, तो अब हम आपको सिम्पल और आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसे से बना एक फंड (Fund) होता है। यहां पर एक फंड मैनेंजर होता है, जो फंड को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग जगह पर निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं।
अब आपके मन में सवाल आया होगा कि अब यह AMC यानी एैसेट मैनेजमेंट कंपनी क्या है? तो अब समझते हैं कि What is AMC?
क्या है एैसेट मैनेजमेंट कंपनी(AMC)?
एक ऐसी कंपनि जो विभिन्न निवेशकों के द्वारा जमा किए गए फंडों को विभिन्न जगहों जैसे इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड, आदि में निवेश करती हैं और इस निवेश से मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के अनुसार बांट देती हैं। एक अच्छा फंड मैनेजर फंड को सही तरीके से निवेश कर उसपर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकता है, जिससे निवेशक को अच्छे रिटर्न प्राप्त होंगे।
भारत में बहुत सी Mutual fund companies चल रही हैं। इन Mutual fund companies को Asset Management Companies या AMC भी कहते हैं। AMC, दरअसल, SEBI में रजिस्टर्ड ऐसी कंपनी होती है, जो mutual fund स्कीम बनाती हैं और लोगों से पैसा जमा करती है। यही कंपनी फंड मैनेजर को भी नियुक्त करती हैं।
यहा तक आपकों समझ में आ गया है तो अब समझते हैं कि आखिर ये म्युचुअल फंड काम कैसे करता है? How Mutual funds Works?
किस तरह से म्यूचुअल फंड काम करता है?
म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा है कि आपको निवेश करने के लिए मोटी रकम की जरुरत नहीं है। आप केवल 500 रुपये से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं। मान लीजिए की आप कोई किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उसके एक शेयर की कीमत 25000 रुपये है, लेकिन म्यूचुअल फंड के जरिये आप ऐसी कंपनियों में केवल 500 रुपये में भी निवेश कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड तमाम निवेशकों से 500-500 रुपये जमाकर उस कंपनी में बड़ी रकम निवेश करती है, तो इस तरह से म्युचुअल फंड काम करता है।
चलिये एक सरल उदाहरण से इस प्रक्रिया को और अधिक स्पष्ट करते हैं-
मान लेते हैं कि 10 चॉकलेट्स का एक पैकेट है जिसकी कुल कीमत 1000 रुपए है। इस पैकेट के साथ यह शर्त जुड़ी है कि वह पूरा का पूरा डिब्बा ही ले सकते हैं। अब मान लेते हैं कि कोई एक व्यक्ति उसे पूरा का पूरा खरीदने की स्थिति में नहीं है, या एक साथ पूरा पैकेट खरीदने को इच्छुक नहीं है। ऐसे में 5 लोग मिलकर साझा रूप से उसे खरीदने की योजना बनाते हैं और 200-200 रुपए जमा करके खरीद लेते हैं।
यहां हम देखते हैं कि हर दोस्त के हिस्से में दो-दो चॉकलेट आती हैं। म्यूचुअल फंड को चॉकलेट्स के पूरे पैकेट के रूप में मान सकते हैं और हर चॉकलेट को एक यूनिट मान सकते हैं। तो इस तरह से हर दोस्त के हिस्से में म्यूचुअल फंड की 2 यूनिट आती है। उन 2 यूनिट में उसका पैसा लगा है और उन 2 यूनिटों से मिला रिटर्न ही उसे मिलेगा।
अगर अभी तक आप यह पोस्ट पढ़ रहे हैं तो आपको म्युचुअल फंड में रुचि हैं और आप म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, तो अब हम आपको म्युचुअल फंड के फायदे बताते हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे क्या है?
दोस्तों म्युचुअल फंड में निवेश करने के बहुत सारे फायदे हैं, चलिये हम आपको डिटेल्स में बताते हैं।
1. सबसे बडा फायदा म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको यह सोचने की जरुरत नहीं होती है कि जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं, उसकी ग्रोथ क्या है, ये काम फंड मैनेजर करता है।
2. म्यूचुअल फंड का एक बड़ा फायदा होता है कि यह आपके पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में निवेश करता है। मान लिजिए कि किसी सेक्टर जैसे बैंकिंग या ऑटो सेक्टर में किसी कारणवश मंदी आ जाती है तो इससे संपूर्ण पोर्टफोलियो पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस सेक्टर में थोड़ा-सा निवेश होगा, जिससे सम्पूर्ण पोर्टफोलियो पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
3. म्यूचुअल फंड में आप 500 या 1000 रुपये से भी SIP (Systematic Investment Plan) शुरुआत कर सकते हैं। आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे। यह साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर हो सकता है। इस प्रकार कुछ समय के बाद आप Compound interest के जरिए एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं।
अब आपके मन में सवाल आया होगा कि अब यह SIP, Compound Interest वो सब क्या है, दोस्तों धिरज रखिये आपको हम यह पोस्ट में सब कुछ बतायेंगे। पोस्ट के आखिर मे आपको यह सब सवाल और उसके जवाब मिलेंगे तो मेरे प्यारे दोस्तों पोस्ट को आखिर तक पढते रहिए।
म्युचुअल फंड में NFO क्या होता है?
ये म्युचुअल फंड कंपनियां समय-समय पर नई mutual fund schemes लांच करती हैं। market में किसी नई म्यूचुअल फंड स्कीम के लांच करने को New Fund Offer (NFO) कहा जाता है। हर नए फंड को कोई नाम दिया जाता है और उसका विज्ञापन यानी प्रचार किया जाता है। Mutual Fund कंपनियां NFO का विवरण पत्र (prospectus) भी जारी करती हैं। ये prospectus उस स्कीम के उद्देश्य (objective), विवरण (details) और उसकी fund management team के बारे में जानकारी देता है।
शुरुआत में आप किसी mutual fund scheme की यूनिट 10 रुपए में खरीद सकते हैं। Investment के शुरुआती कुछ समय तक इस Unit की कीमत 10 रुपए ही रहती है। कीमत में बिना बदलाव वाले इस Period को NFO period (new fund offer Period) कहते हैं। इस अवधि मेे Mutual Fund Company आपके पैसे को निवेश नहीं करती, यानी कि किसी शेयर में नहीं लगाती। NFO Period खत्म होने के बाद आपका फंड मैनेजर, pooled money (सामूहिक रकम ) में से Investment शुरू करता है। यहां से इस total investment की value में जो भी बढ़ोतरी या कमी होती है, उसके हिसाब से आपके unit की कीमत भी बढ़ती या घटती है।
चलिये अब हम आपको बताते हैं कि म्युचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं? Types of Mutual funds?
म्युचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual funds?)
अपने Investment Portfolio के आधार पर Mutual Fund कई प्रकार के होते हैं। SEBI ने Mutual Funds को 5 अलग अलग Category में विभाजित किया है। इनके बारे में डिटेल्स में जानकारी आप नीचे पढ़ सकते हैं।
इक्विटी फंड (Equity Fund)
Equity Mutual Funds का ज्यादातर पैसा shares में लगाया जाता है। ऐसी schemes के fund manager को कम से कम 65% परसेंट रकम शेयर में ही लगानी होती है। बाकी बचे पैसे को वो बॉन्ड या फिर बैंक में रख सकता है। अब चूंकि equity mutual fund को शेयरों में निवेश किया जाता है। तो इनका return भी share market के हिसाब से मिलता है। यानी कमाई की सबसे ज्यादा संभावना होती है लेकिन रिस्क भी इसमें ज्यादा होता है।
Equity fund से होने वाली Income पर long term capital gains tax नहीं लगता है, जबकि short-term capital gain को आपकी Income में जोड़कर tax calculation में शामिल करते हैं।
डेट फंड (Debt Fund)
इस प्रकार के mutual fund की रकम को मुख्य रूप से bonds और corporate fixed deposit में निवेश किया जाता है। किसी debt mutual fund के साथ यह अनिवार्य शर्त होती है कि उसका कम से कम 65 प्रतिशत पैसा बॉन्ड या बैंक डिपॉजिट में लगाया जाए। उदाहरण के लिए government bonds, company bonds, corporate fixed deposits और bank deposits वगैरह। बाकी रकम को equity यानी शेयरों में लगाया जा सकता है।
अब चूंकि debt funds को fixed return देने वाले बॉन्ड में लगाया जाता है, इसलिए इनमें risk भी तुलनात्मक रूप से कम होता है। लेकिन इनसे आपको जबर्दस्त फायदे की भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए। वैसे अच्छे debt funds आपको bank fixed deposits की अपेक्षा बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
अगर आप अपने debt fund को 3 साल बाद भुनाते हैं तो इस पर आपको long term capital gains tax चुकाना पड़ता है। इस long term capital gains tax की दर बिना indexation के 10 प्रतिशत होगी और indexation के साथ 20 प्रतिशत।
अगर आप 3 साल के पहले अपनी debt mutual fund units को बेच देते हैं तो इससे हुई आमदनी पर आपको short-term capital gains tax चुकाना पड़ेगा। इस short-term capital gain को आपकी कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा और फिर आपके Tax Slab के हिसाब से Tax की गणना होगी।
बैलेंस्ड म्युचुअल फंड (Balanced Mutual Fund)
Balanced Mutual Fund आपके पैसे को शेयर और बॉन्ड दोनों में लगाते हैं। जैसा कि आप जानते ही हैं कि शेयर में return ज्यादा मिलता है लेकिन वो risky होते हैं जबकि bond सुरक्षित होते हैं लेकिन उसमें रिटर्न कम मिलता है। इसलिए इन दोनों में पैसे लगाकर ये म्यूचुअल फंड safety के साथ-साथ बढ़िया रिटर्न देने की कोशिश करता है।
हालांकि ये म्यूचुअल, शुद्ध शेयर में पैसा लगाने वाले equity mutual fund से कम return देते हैं और शुद्ध बॉन्ड में पैसा लगाने वाले debt fund से कम safe होते हैं। Market के अच्छे समय में ये funds न तो Equity Funds की तरह बहुत ऊंचा रिटर्नदेते हैं और न ही Market के बुरे समय में Equity Funds की तरह ये आपको बहुत खराब return देते हैं।
ये फंड निवेश में संतुलित रवैया (balanced approach) अपनाते हैं और market की condition के हिसाब से शेयरों और बांडों में निवेश करते हैं।
भारत में ‘balanced’ funds का झुकाव भी equity यानी शेयरों में निवेश की तरफ ज्यादा दिखता है। ज्यादातर अपने portfolio का कम से कम 65 प्रतिशत तक शेयरों में लगाते हैं। ऐसा वे इसलिए करते हैं ताकि tax बचाने में ज्यादा से ज्यादा मदद मिल सके। चूंकि, ऐसे funds, जिनका निवेश शेयरों में 65 प्रतिशत से अधिक होता है, उन्हें equity mutual funds माना जाता है। ऐसे में इन पर long term capital gains tax लागू नहीं होगा और वे ज्यादा tax benefit उठा सकते हैं।
कुछ और भी ऐसे Fund होते हैं, जिन्हें तकनीकी रूप से balanced या hybrid funds कहा जा सकता है, लेकिन mutual fund कंपनियां उनके नाम के साथ ‘balanced’ शब्द नहीं जोड़तीं।
ये funds अपने Portfolio का 65 प्रतिशत से कम शेयरों में लगाते हैं। इनका शेयरों में निवेश 20 से 30 प्रतिशत हो सकता है। ऐसे funds से होने वाली आमदनी पर long term capital gains tax भी लगता है। भारत में इस तरह के funds मासिक आय योजना (monthly income plans) के रूप में होते हैं। ये आपको हर महीने एक निश्चित आय प्रदान करते हैं। ऐसे Funds आपकी पूंजी की सुरक्षा पर ज्यादा जोर रखते हैं और लगभग निश्चित रिटर्न (fixed return) देते हैं।
टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ELSS)
Tax Saving Mutual Funds को Equity linked saving scheme या ELSS भी कहा जाता है। चूंकि Equity linked saving scheme या ELSS में लगाए गए पैसे पर सरकार टैक्स छूट देती है, इसलिए इन्हें Tax Saving Mutual Funds कहा जाता है। ये टैक्स बचाने के कुछ सबसे अच्छे उपायों में से एक हैं। ELSS में निवेश किया गया पैसा कम से कम 3 साल के लिए locked हो जाता है। यानी कि आप इनमें लगाया गया पैसा 3 साल के पहले नहीं निकाल सकते।
ELSS का पैसा मुख्य रूप से शेयरों में लगाया जाता है, इसलिए ये अक्सर आपको अच्छा-खासा returns भी दे सकते हैं। हालांकि, अन्य equity mutual funds की तरह ये risky भी होते हैं।
ELSS से section 80C के तहत tax saving होती है। जैसा कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी में ऐसे निवेशों को रखा गया है जिनमें पैसा लगाने से आपकी टैक्स देनदारी घट जाती है। आप इनमें जितना पैसा लगाते हैं उतना पैसे आपकी taxable income से घट जाता है। PPF investment, Home loan principal, NSC, tax saving FD, insurance, tuition fees और EPF contribution वगैरह भी section 80C के तहत टैक्स छूट की सुविधा के हकदार होते हैं।
इन सारे tax saving निवेशों में ELSS का lock इन period सबसे कम होता है। यानी कि अगर आप कम समय के लिए अपना पैसा जाम करके ज्यादा Tax बचाने की सोच रहे हैं तो Tax Saving Mutual Funds यानी ELSS सबसे बेहतर Option हो सकता हैंं।
इंडेक्स फंड (Index Fund)
इंडेक्स फंड भी अन्य equity fund की तरह शेयरों में पैसा निवेश करता है। लेकिन यह equity fund से अलग इस मायने में होता है कि यह अपने हिसाब से चुने हए शेयरों में पैसा नहीं लगाता। बल्कि बाजार के Market Indices के structure की ही copy करके पैसा लगाता है। Sensex, Nifty, CNX-200, CNX 500 वगैरह बाजार Indices हैं।
इन indices में कुछ निश्चित कंपनियों के Share ही शामिल होते हैं। हर शेयर का उस index में एक fixed weight-age होता है। कोई Index Fund जिस सूचकांक को Follow करता है, वह उसमें शमिल सभी शेयरों में पैसा लगाता है। शेयरों में पैसा भी उसी अनुपात में लगाया जाता है जिस अनुपात में उन शेयरों को सूचकांक में वजन दिया जाता है।
उदाहरण के लिए अगर एक index fund है sensex की नकल करता है। तो यह भी sensex की तरह ही उन 30 shares में ही पैसा लगाएगा। हर शेयर को वह sensex के समान ही weightage भी प्रदान करेगा। यानी कि ऐसे index fund के लिए भी Sensex की तरह reliance, TCS, ITC वगैरह सबसे ज्यादा weightage वाले शेयर होंगे।
सेंसेक्स के portfolio की हूबहू नकल करने के कारण यह index fund सेंसेक्स की तरह ही Return भी देगा। हालांकि, index fund से आपको हूबहू वैसे ही Return की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि Copy करने में थोड़ा टाइम लग सकता है। इसे निवेश की भाषा में tracking error कहते हैं। चूंकि इस copycat fund में fund manager यानी म्यूचुअल फंड कंपनी की भूमिका बहुत कम होती है। इसलिए index fund में fund management charge भी काफी कम होता है।आप mutual fund distributor के माध्यम से mutual fund companies से index fund खरीद सकते हैं।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)
Exchange Traded Fund (ETF) मूल रूप से Index Fund ही होते हैं। लेकिन इन index funds को stock exchange में सीधे खरीदा-बेचा जा सकता है। शेयरों की तरह ही exchange-traded fund की कीमत भी बाजार के घंटों (market hours) के दौरान लगातार बदलती रहती है। आप किसी शेयर दलाल (stock broker) से exchange traded fund खरीद सकते हैं। इन्हें खरीदने के लिए, यानी कि इनमें पैसा लगाने के लिए आपको mutual fund distributor की जरूरत नहीं होती।
हेज फंड (Hedge Fund)
हेज फंड थोड़ा उदार फंड होते हैं। ये किसी regulation के तहत बंधे नहीं होते। और न ही retail investor इनमें पैसा लगा सकत हैं। सिर्फ कुछ select group of high net worth individuals ही सामूहिक रूप से hedge funds में निवेश करते है। hedge funds का fund manager भी आक्रामक रणनीति के साथ शेयरों में पैसा लगाता है। hedge funds का fund manager दुनिया में कहीं भी पैसा निवेश कर सकता है।
दोस्तों अब हम आपको बताते हैं कि आप म्युचुअल फंड में निवेश किस तरह यानी म्युचुअल फंड कैसे ख़रीद सकते हैं।
म्यूचुअल फंड कैसे खरीदें?
- इसके लिए आप मोबाइल एप्प, एजेंट के माध्यम या फिर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
- आज कई ऐसे प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं, जिनके माध्यम से आप एक जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम खरीद सकते हैं। इतना ही नहीं, आप अपनी म्यूचुअल फण्ड स्कीम की ग्रोथ, रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी आसानी से कर सकते हैं। ऑनलाइन निवेश ने म्यूचुअल फंड को ओर आसान बना दिया है।
(Note: म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)
दोस्तों में खुद Groww App के माध्यम से म्युचुअल फंड में निवेश करता हूँ इसलिए अगर आप भी म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो में आपको Groww App Recommend करता हूँ।
Groww app एक प्रमुख प्लेटफॉर्म हैं म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए।
दोस्तों Groww App में Demat Account बनाना सबसे आसान है। नीचे दिए गए लिंक से अभी Groww App डाउनलोड करें और म्युचुअल फंड में निवेश करना शुरु करें।
Important Questions and Answers
Q - म्युचुअल फंड क्या होता है?
A - म्यूचुअल फंड एक एैसा फंड है जो एैसेट मैनेजमेंट कंपनीस / कंपनीज (एएमसी) द्वारा मैनेज किया जाता है जिसमे ये कंपनीस कई इन्वेस्टर्स से पैसा जमा करती है और स्टॉक, बॉन्ड और शार्ट-टर्म डेट जैसी सिक्युरिटीज में पैसा इन्वेस्ट करती है।
Q - म्युचुअल फंड में महीने के 500 लगाकर 1 Crore कमा सकते हैं?
A - हा, दोस्तों अगर आप Long-term के लिए Mutual fund में निवेश करते हैं तो आप Compound Interest के जरिए करोड़ों रुपये कमा सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए यह विडियो देखें,
Q - क्या म्यूचुअल फंड में पैसा डूब सकता है?
A - यदि म्यूचुअल फंड में शॉर्ट टर्म के लिए निवेश किया जाए तो आपको नुकसान हो सकता है। लेकिन यदि आप 5 साल से अधिक निवेश अवधि के बारे में सोचते हैं तो म्यूचुअल फंड में नुकसान होने की संभावनाएं लगभग खत्म हो जाती है।
Q - म्यूचुअल फंड के फायदे क्या है?
A - Mutual Fund आम निवेशकों के जोखिम को कम करता है और बेहतर रिटर्न देने की कोशिश करता है। म्यूचुअल फंड में आम लोग छोटी छोटी रकम से कम जोखिम के साथ निवेश की शुरुआत कर सकते हैं और आपके इस छोटे निवेश पर भी बाजार के एक एक्सपर्ट की लगातार नजर रहती है, जो पूरी कोशिश करता है कि आपका रिटर्न बाकी लोगों से ऊंचा रहे।
Q - म्यूचुअल फंड में पैसा कब लगाएं?
A - यानी, फंड को कब बेचना है या उसमें आंशिक तौर पर पैसे निकालना है. रिटेल निवेशक आमतौर पर म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करते हैं. एक्सपर्ट मानते हैं, कि लंबी अवधि में निवेश पर मार्केट के उतार-चढ़ाव की एवरेजिंग के साथ-साथ कम्पाउंडिंग का फायदा निवेशक को मिलता है.
Q - म्यूचुअल फंड में कितना पैसा लगा सकते हैं?
A - म्यूचुअल फंड में न्यूनतम निवेश - Rs.100
आप किसी भी एएमसी की वेबसाइट पर जाकर सीधे निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर 500 रुपये के मासिक निवेश में किसी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। NRI भी इसमें पैसा लगा सकते हैं।
Q - म्यूचुअल फंड कितने साल का होता है?
A - एफडी में घटती ब्याज दर और म्यूचुअल फंड में अच्छा रिटर्न लोगों को इस तरफ आकर्षित कर रहा है। अगर लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प नजर आता है। निवेश अवधि 20 या 25 साल या उससे अधिक की है, तो बेहिचक म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
Q - म्यूचुअल फंड में पैसा कितने दिन में डबल होता है?
A - कुछ म्यूचुअल फंड योजनाएं 4-5 साल में डबल करने की क्षमता रखती हैं। सरकारी निवेश विकल्पों में जोखिम नहीं है पर पैसा जल्दी डबल करना है तो जोखिम लेना होगा और बाजार से जुड़े विकल्पों में निवेश करना होगा।